सोमवार, 25 जून 2007
वर्षी पर एतेक धमाल कियेक
लोक खराब कोन-कोन चीज के मानि सकैत छैक तकर ओर-छोर नहि छैक। आब घर या देश स्तर पर देख लिय। कलाम साहब के मोह पर सेहो सवाल उठल आ त्याग पर सेहो। ओ कि करथि तकरा लेल सब पत्रकार लागल छथि। आई त शशिशेखर सेहो भूंकि उठला। काल्हि प्रभाष जोशी के जोश आइल छालैन आई हिनका! आब हमरे उदाहरण ल लिय. काल्हि यानी २४ तारीख के जहिया कि हमर विवाहक दोसर साल पूरा भेल तखन हमर ई कहला सं कि आई हमर दोसर वर्षी छी, लोक सब के हंसी छुटलैक। रूपेश भाई के अम्मी त एकरा सामाजिक संदर्भ में खराब मानलखिन। अस्तु, एहि सं विशेष दुःखी अथवा परेशान भ क हम ई चिट्ठा नहि लिख रहल छी, अपितु ब्लौग के भरि रहल छी।
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