शुक्रवार, 9 जुलाई 2010
जोहार ! अपन झारखण्ड में आ गए हैं
साथियो नमस्कार.......... मैं झारखंड आ गया हूं. दैनिक भास्कर अखबार के साथ. पिछले कुछ महीनों से मीडिया जगत में जबर्दस्ती की धुंध को छांटते हुए भास्कर ने झारखंड की राजधानी रांची में आखिरकार दस्तक दे ही दी है. अपन भी उसीके साथ चले आए हैं. आजादी के महीने से अखबार छपना भी शुरू हो जाएगा. तब तक रांची का मीडिया जगत तो इंतजार कर ही रहा है........ आप भी करिए.
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
-
सड़क पर चलते रहिए, लोग न आपको देखेंगे न आपसे टकराएंगे. अरे भई फुटपाथ है न. सड़क के दोनों किनारों पर. अलग-अलग. आप टकरा ही नहीं सकते. गाड़ियां...
-
एक ---------- एक बिजनेसमैन अपने कर्मचारियों के हित में ऑफिस के बाहर लगा शराब का ठेका हटवा देता है। उसकी सोच थी कि उसके कर्मचारी काम के बाद द...
-
बहुत दिन नहीं हुए हमारा रिश्ता ग्रामीण रंगमंच से टूटे. महज पांच साल ही तो. लगता है सदियां गुजर गईं इंतजार में. फिर विजय ने कहा मूंगफली के ...