पेट पर पड़ी तो लाल झंडा याद आया। साभार : दैनिक जागरण व पीटीआई
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सपना दिखा रहे हैं माल्या साहब। आइये इस फार्मूला-1 के ट्रैक पर चलने का अभ्यास करें। भारत 21वीं सदी में जा रहा है न। साभार : दैनिक जागरण व एपी
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पहचान रहे हैं इन्हें, ये उसी नाना के नवासे के जाने हैं जिन्होंने जेल में रहकर भारत को खोजा था। ये साहब हेलीकॉप्टर से भारत खोज रहे हैं। साभार : दैनिक जागरण व पीटीआई
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पहले भी किसी ने इनकी व्यथा सुनने की कोशिश नहीं की थी, अबकी देखते हैं किसके कान पर जूं रेंगती है। हम सब पहले भी इनके साथ थे, अब भी हैं। साभार : दैनिक जागरण व पीटीआई
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1 टिप्पणी:
बढ़िया !
घुघूती बासूती
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